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 NEET EXAM में इतिहास रचने वाले Topper से खास बातचीत: Full Interview





NEET एग्जाम में इतिहास रचने वाले शोएब आफताब से खास बातचीत


NEET AIR 1 Topper 2020: शोएब आफताब बने नीट टॉपर, 720 में 720 पाकर रचा इतिहास


NTA NEET Result 2020: बीते 13 और 14 सितंबर को हुई नीट परीक्षा का र‍िजल्ट जारी कर दिया गया है.


NTA NEET Result 2020: नेशनल टेस्ट‍िंग एजेंसी नीट परीक्षा का र‍िजल्ट 16 अक्टूबर को जारी हो गया. इस इस साल नीट परीक्षा में शोएब आफताब ने टॉप किया है. शोएब ने नीट की परीक्षा में 720 में से 720 अंक पाकर इतिहास रच दिया है. शोएब ने इसके अलावा दूसरा इतिहास ओड़‍िशा में पहली बार नीट टॉपर बनकर भी रचा है. 100 प्रत‍िशत अंक पाने वाले शोएब के पर‍िजन अपने बेटे की मेहनत और जज्बे से बहुत खुश हैं.


बता दें कि नेशनल टेस्ट‍िंग एजेंसी ने NEET 2020 परीक्षा 13 सितंबर को कोविड -19 महामारी के बीच आयोजित की थी. इसके अलावा, NEET UG आंसर की 26 सितंबर को जारी की गई थी.परीक्षा का आयोजन कोरोना संकट के बीच किया गया. ऐसे में इस साल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा मुफ्त परिवहन और आवास की घोषणा की गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार इस बार परीक्षा में कोरोना पॉजिट‍िव छात्र हिस्सा नहीं ले पाए थे. इसे लेकर छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर गुहार लगाई थी.


नीट परीक्षा के जरिये देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में दाख‍िला मिलता है. इसमें ऑल इंडिया रैंकिंग के हिसाब से देश के टॉप मेडिकल संस्थानों में दाख‍िला मिलता है. इस बार कोरोना के चलते कंटेनमेंट जोन के परीक्षा केंद्र भी निरस्त कर द‍िए गए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए देश भर में ये परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के लिए देश भर के 15 लाख से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया था. 16 अक्टूबर को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, NTA अपनी आध‍िकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर नीट र‍िजल्ट जारी करेगी. इस साल, NEET 2020 परीक्षा 3,800 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. परीक्षा में कुल उम्मीदवारों में से लगभग 90 प्रतिशत उपस्थित हुए थे.


NEET Topper Interview: परिवार में पहला डॉक्टर बनेगा शोएब


नीट के पहले ही प्रयास में परफेक्ट 720 अंक हासिल करके राउरकेला ओडिशा के रहने वाले शोएब आफताब ने इतिहास रच दिया है. वो अपने परिवार में पहले डॉक्टर बन रहे हैं. उनके पिता शेख मोहम्मद अब्बास व्यवसायी और मां सुल्ताना रिजया गृहणी हैं. शोएब ने अपनी सफलता के पीछे अपनी मां की खास भूमिका बताई जो उनके लिए अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर आईं.


23 मई 2002 को जन्मे शोएब ने एलन करियर इंस्टीट्यूट, कोटा से कोचिंग की थी. उन्होंने नीट परीक्षा में 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं. शोएब अपने परिवार में पहले शख्स हैं जो मेडिकल की पढ़ाई करेंगे और डॉक्टर बनेंगे. शोएब ने aajtak.in से बातचीत में बताया कि डॉक्टर बनना सपना था जो अब साकार होने जा रहा है. वो साल 2018 में कोटा आए थे. उन्होंने कहा कि मुझे बेस्ट कॉम्पीटिशन मिला और मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि मैं कोटा में अपनी मां और छोटी बहन के साथ पीजी में रहता था.


शोएब ने इसी वर्ष 12वीं में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. उनकी केवीपीवाई में ऑल इंडिया 37वीं रैंक और 10वीं में 96.8 प्रतिशत अंक थे. उन्होंने कहा कि एलन के टीचर्स की गाइडेंस से ही मैंने यह सफलता प्राप्त की है. उन्हें इस दौरान लॉकडाउन का भी फायदा मिला. शोएब ने कहा कि इस दौरान मैं रुका नहीं, मैंने अपनी कमजोरियां दूर कीं, मैं नीट के सिलेबस में कमजोर टॉपिक्स को बार-बार रिवाइज करता गया. इससे डाउट्स भी सामने आते गए. जो टॉपिक्स मजबूत थे, उन पर ज्यादा फोकस नहीं किया.


शोएब ने बताया कि मैं कोचिंग के दौरान क्लासरूम का होमवर्क डेली करता था और तीनों विषयों को बराबर समय देता था. मैं रोजाना शेड्यूल बनाकर पढ़ाई करता रहा हूं, हर सब्जेक्ट को अलग-अलग समय देता हूं. मोड्यूल्स और वीकली टेस्ट से काफी हेल्प मिली. वाट्सऐप का उपयोग फैकल्टीज से डाउट्स आदि पूछने के लिए करता था.


लॉकडाउन में भी घर नहीं गया


शोएब अपने लक्ष्य के प्रति कितने गंभीर हैं यह इस बात से पता चलता है कि एक बार घर से कोटा आने के बाद ढाई साल तक शोएब घर नहीं गए. वो बताते हैं कि कई मौके आए जब पापा ने कहा कुछ दिन के लिए घर आ जाओ लेकिन मैं नहीं गया. दीपावली व ईद की छुट्टियां भी थीं लेकिन मैं कोटा ही रहा और पढ़ाई में व्यवधान नहीं आने दिया. कोराना काल में भी कोटा में ही रहा, लॉकडाउन में भी जब सब घर गए तो मैं यहीं रुका, इससे मेरी तैयारी और अच्छी हो गई. मैंने सारा रिवीजन कर लिया.


मां ने द‍िया साथ 


शोएब ने कहा कि यहां मम्मी मेरे साथ रहीं इसलिए खाने-पीने की परेशानी नहीं आई. वैसे भी बोर्ड एग्जाम के बाद इतना समय नहीं मिल पाता कि नीट के पूरे सिलेबस को रिवाइज कर लिया जाए. इसलिए मैंने लॉकडाउन के 5 महीनों का पूरा उपयोग किया. टॉपिक्स का मल्टीपल रिवीजन किया ताकि कहीं कोई गुंजाइश नहीं रह जाए.


लाइलाज बीमारी का इलाज ढूंढना चाहता हूं


शोएब ने बताया कि एम्स से एमबीबीएस करने के बाद कार्डियोलॉजी में स्पेशलिस्ट बनना चाहता हूं. इसके साथ ही एक और सपना है कि मैं ऐसी बीमारियों का इलाज ढूंढना चाहता हूं जो जिनका इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है, ऐसी रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहता हूं. 


इसलिए बनना चाहता हूं डॉक्टर


शोएब ने बताया कि हमारे मम्मी और पापा दोनों के परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है. पिता शेख मोहम्मद बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और बीकॉम तक पढ़े हैं. मां सुल्ताना रजिया गृहिणी हैं और बीए पास हैं. मेरे दादा बेकरी चलाया करते थे. मेरी रुचि साइंस में थी और मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहता था, पापा भी कहते थे कि मेडिकल की तैयारी करो डॉक्टर बनो तो मैंने बायोलॉजी ली.


बायोलॉजी के साथ-साथ मैथ्स की भी पढ़ाई


शोएब ने बायोलॉजी के साथ-साथ मैथ्स की भी पढ़ाई की. अपनी फिजिक्स और कैमेस्ट्री स्ट्रांग करने के लिए जेईई स्तर की तैयारी की. यही नहीं शोएब ने जेईई-मेंस की परीक्षा भी दी और उसमें 99.7 पर्सेन्टाइल भी हासिल किए. शोएब ने कहा कि जेईई-मेंस देने से मुझमें कॉन्फीडेंस आया और मैं नीट में और अच्छा परफॉर्म कर सका.


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